।। नमो नमः ।।
।।भाग्यचक्र ।।
*आज का पंचांग :-
तिथि :- पूर्णिमा ( माघी पूर्णिमा )
वार :- रविवार
दिनांक :- 9 फरवरी 2020
अयन:- उत्तरायण
पक्ष :- शुक्ल
नक्षत्र :- अश्लेषा
ऋतू :- शिशिर
लाभ :- 09:53 - 11:17
शुभ :- 14:06 - 15:31
राहु काल :- 16:55 - 18:19
जीवन मैं आनंद की प्राप्ति हेतु आज का भाग्य चक्र -
माघ मास की पूर्णिमा को धर्म ग्रंथों में इसे माघी पूर्णिमा कहा गया है। इस पूर्णिमा पर संयम से रहना, सुबह स्नान करना एवं व्रत, दान करना आदि नियम बताए गए हैं।
माघी पूर्णिमा की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर पितरों का श्राद्ध कर ब्राह्मण को भोजन, वस्त्र, तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, जूते, फल, अन्न आदि का दान करें। इस दिन सोने एवं चांदी का दान भी किया जाता है। गौ दान का विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन संयमपूर्वक आचरण कर व्रत करें। इस दिन ज्यादा जोर से बोलना या किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए। गृह क्लेश से बचना चाहिए। गरीबों एवं जरुरतमंदों की सहायता करनी चाहिए।
धर्म शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को विशेष फलदाई माना गया है। उन सभी पूर्णिमाओं में माघी पूर्णिमा का महत्व कहीं अधिक है।
1. माघी पूर्णिमा माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष तिथि मानी गई है। इस पूर्णिमा की रात्रि में लगभग १२ बजे महालक्ष्मी की भगवान विष्णु सहित पूजा करें एवं रात को ही घर के मुख्य दरवाजे पर घी का दीपक लगाएं। इस उपाय से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर उस घर में निवास करती हैं।
2. माघी पूर्णिमा की सुबह पास के किसी लक्ष्मी मंदिर में जाएं और ११ गुलाब के फूल अर्पित करें। इससे माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की कृपा भी आपको प्राप्त होगी और अचानक धन लाभ के योग भी बनेंगे।
3. माघी पूर्णिमा की सुबह पूरे विधि-विधान से माता सरस्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन माता सरस्वती को सफेद फूल चढ़ाएं व खीर का भोग लगाएं। विद्या, बुद्धि देने वाली यह देवी इस उपाय से विशेष प्रसन्न होती हैं।
4. पितरों के तर्पण के लिए भी यह दिन उत्तम माना गया है। इस दिन पितरों के निमित्त जलदान, अन्नदान, भूमिदान, वस्त्र एवं भोजन पदार्थ दान करने से उन्हें तृप्ति होती है। जोड़े सहित ब्राह्मणों को भोजन कराने से व दान दक्षिणा देने से अनन्त फल की प्राप्ति होती है।
5. वैसे तो सभी पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा होती है किंतु माघ मास की पूर्णिमा पर इसका महत्व बढ़कर बताया गया है। शाम को भगवान सत्यनारायण की पूजा कर, धूप दीप नैवेद्य अर्पण करें। भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें।
6. माघी पूर्णिमा पर दान का भी विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन जरूरतमंदों को तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, मोदक, जूते, फल, अन्न आदि का दान करना चाहिए।
माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे।
🙏🌹जय श्री महाकाल🌹🙏
*श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का
*आज का भस्माआरती श्रृंँगार दर्शन
9 फरवरी 2020( रविवार )
जय श्री महाकाल।
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शुभम भवतु !
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