**************************************************
आज यानी 22 जून से गुप्त नवरात्र पर्व शुरू हो रहा है। नवरात्र अर्थात् मां भगवती के नौ रूपों, नौ शक्तियों की पूजा के वो दिन जब मां हर मनोकामना पूरी करती है। यूं तो हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्र होते हैं जिनमें लोग पूरी श्रद्धा के साथ घट स्थापना करते हैं लेकिन 2 और नवरात्र भी होते हैं...गुप्त नवरात्र। इनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक गुप्त नवरात्र साल में 2 बार आते हैं एक माघ महीने में और दूसरा आषाढ़ महीने में।
दस महाविद्याओं की होती है पूजा
=======================
गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये दस महाविद्याएं हैं - काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी।
क्यों कहा जाता है इसे गुप्त नवरात्रि?
==========================
साल में 2 बार आने वाली गुप्त नवरात्रि बेहद खास होती है। इस नवरात्र की पूजा विधि चैत्र और शारदीय नवरात्रि से बिल्कुल अलग होती है और यही कारण है कि गुप्त नवरात्रि अन्य नवरात्र से बिल्कुल अलग और खास होते हैं। कहते हैं इन नवरात्रों में मां भगवती की देर रात गुप्त रूप से पूजा की जाती है और इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है।
गुप्त नवरात्र पूजा विधि
====================
-इस व्रत में मां दुर्गा की पूजा देर रात ही की जाती है।
-मूर्ति स्थापना के बाद मां दुर्गा को लाल सिंदूर, लाल चुन्नी चढ़ाई जाती है।
- नारियल, केले, सेब, तिल के लडडू, बताशे चढ़ाएं और लाल गुलाब के फूल भी अर्पित करें।
- गुप्त नवरात्रि में सरसों के तेल के ही दीपक जलाएं
- ओम दुं दुर्गायै नम: का जाप करना चाहिए।
शैव साधनाओं का पर्व
==================
गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक तांत्रिक क्रियाएं, शैव साधनाएं, श्मशान साधनाएं, महाकाल साधनाएं, आदि करते हैं और सफलता प्राप्त कर लेने पर विभिन्न शक्तियों और दुर्लभ सिद्धियों के स्वामी बन जाते हैं। गुप्त नवरात्रि के दौरान विनाश और संहार के देव, महाकाल और महाकाली की आराधना होती है।
जय माता जी।
No comments:
Post a Comment