Saturday, April 25, 2020

जय श्री महाकाल - 25।4।2020 :- अक्षय तृतिया ( श्री परशुराम जन्मोत्सव ) :- यदि आपके जीवन मे धन संबंधित समस्या है या ऋण की अधिकता है तो अक्षय तृतीया पर करें निम्नलिखित उपाय :-

।। नमो नमः ।।
।।भाग्यचक्र ।।

 *आज का पंचांग :-

तिथि :- द्वितीया
वार   :- शनिवार
दिनांक :- 25 अप्रेल 2020
अयन:- उत्तरायण
पक्ष   :- शुक्ल
नक्षत्र :- कृतिका
ऋतू  :- वसंत
लाभ :- 14:02 - 15:39
शुभ :- 07:35 - 09:12
राहु काल :- 09:12 - 10:49
                                 
जीवन मैं आनंद की प्राप्ति हेतु आज का भाग्य चक्र -     

*अक्षय तृतीया* 
*26 अप्रैल 2020 रविवार को अक्षय तृतीया है ।*

अक्षय तृतीया :-
तृतीया तिथि प्रारंभ: 11:50 बजे (25 अप्रैल 2020)

तृतीया तिथि समापन: 13:21 बजे (26 अप्रैल 2020)

 'अक्षय' शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो। *इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है* अतः इसे 'अक्षय तृतीया' कहते हैं।

वैशाख मास की तृतीया को चन्दनमिश्रित जल तथा मोदक के दान से ब्रह्मा तथा सभी देवता प्रसन्न होते हैं | देवताओं ने वैशाख मास की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा है। इस दिन अन्न-वस्त्र-भोजन-सुवर्ण और जल आदि का दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसी तृतीया के दिन जो कुछ भी दान किया जाता है वह अक्षय हो जाता है और दान देनेवाला सूर्यलोक को प्राप्त करता है।  इस तिथि को जो उपवास करता है वह ऋद्धि-वृद्धि और श्री से सम्पन्न हो जाता है।

 *भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है। इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है। पित्तरों का श्राद्ध कर धर्मघट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है। वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करें।*
*स्कन्दपुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं। जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्यकर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है।*

अक्षय तृतीया से जुड़ी बातें:-

- मान्यता है सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत अक्षय तृतीया की तिथि पर हुई थी।
- अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम भगवान का जन्म हुआ था।
- अक्षय तृतीया की पावन तिथि पर ही मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था।
- अक्षय तृतीया के दिन से ही वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखना आरंभ किया।
- बदरीनाथ धाम के कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं।
- अक्षय तृतीया पर वृंदावन के बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं।

विशेष :- 
अक्षय तृतीया से प्रारम्भ कर के हर रोज अगर आप माँ महालक्ष्मी के निम्नलिखित मंत्र का जप करते हैं तो आपके जीवन की धन संबंधी ऋण संबंधित सभी समस्याओं का समाधान होता है। व माँ महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

*""॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥""*
                                            
जय श्री महाकाल।
माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे।                                          
🙏🌹जय श्री महाकाल🌹🙏
*श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का
*आज का भस्माआरती श्रृंँगार दर्शन।
25 अप्रेल 2020 ( शनिवार )



  
जय श्री महाकाल।
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