।। नमो नमः ।।
।।भाग्यचक्र ।।
*आज का पंचांग :-
तिथि :- नवमी ( श्री रामनवमी )
वार :- गुरुवार ( गुरुपुष्य नक्षत्र )
दिनांक :- 2 अप्रेल 2020
अयन:- उत्तरायण
पक्ष :- शुल्क
नक्षत्र :- पुनर्वसु तत्पश्चात पुष्य
ऋतू :- वसंत
लाभ :- 12:31 - 14:04
शुभ :- 17:10 - 18:44
राहु काल :- 14:04 - 15:37
जीवन मैं आनंद की प्राप्ति हेतु आज का भाग्य चक्र -
आज २ अप्रेल २०२० को श्रीराम नवमी का पर्व है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री रामजी का जन्म हुआ था। इसलिए भारत सहित अन्य देशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं।
*ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है।*
श्रीराम नवमी की सुबह किसी राम मंदिर में जाकर राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पाठ करें ।हर समस्याओं का समाधान हो जाएगा ।
दक्षिणावर्ती शंख में दूध व केसर डालकर श्रीरामजी की मूर्ति का अभिषेक करें ।इससे धन लाभ हो सकता है ।
इस दिन बंदरों को चना, केले व अन्य फल खिलाएं ।इससे आपकी हर मनोकामना पुरी हो सकती है ।
श्रीराम नवमी की शाम को तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाऐं । इससे घर में सुख-शांति रहेगी ।
इस दिन भगवान श्रीरामजी को विभिन्न अनाजों का भोग लगाएँ और बाद में इसे गरीबों में बांट दें ।इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी ।
इस दिन भगवान श्रीरामजी के साथ माता सीता की भी पूजा करें ।इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है ।
किसी भगवान श्रीरामजी के मंदिर के शिखर पर ध्वजा यानी झंडा लगवाएं ।इससे आपको मान-सम्मान व प्रसिद्धि मिलेगी ।
*आज पुष्य नक्षत्र योग भी बन रहा है।*
*02 अप्रैल 2020 गुरुवार रात्रि 07:29 से 03 अप्रैल सूर्योदय तक गुरुपुष्यामृत योग है ।*
गुरुपुष्य नक्षत्र में जो १०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करता है तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं ।
नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | इस दिन देव गुरु ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | और उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –
"'ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम :।""
*गुरुपुष्य नक्षत्र में करने वाले कुछ विशेष उपाय ओर जानेंगे के कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में*
बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें ।इससे घर मे सुख समृद्धि की वृद्धि होती है।
*गुरुपुष्यामृत योग*
"शिव पुराण" में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है। पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं ।
*""सर्वसिद्धिकर: पुष्य:""*
इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है। पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है।
इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं।
(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः दशम अध्याय )।
जय श्री महाकाल।
माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे।
🙏🌹जय श्री महाकाल🌹🙏
*श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का
*आज का भस्माआरती श्रृंँगार दर्शन
2 अप्रेल 2020( गुरुवार )
जय श्री महाकाल।
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