नारायण नारायण।
शारदीय नवरात्रि शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं। देवी माँ के आगमन की तैयारी प्रारंभ हो गई है। नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी माँ के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है।
17 अक्टूबर 2020 को नवरात्रि का पहला दिन है।
प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना की जाएगी और फिर नौ दिनों तक देवी मां पूजा-पाठ, आरती, मंत्रोचार और व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न किया जाएगा।
जो कि माँ की आराधना व सिद्धि प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी होते है।
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हमारे यहाँ नवरात्रि में नित्य वैदिक ब्राह्मणो द्वारा माता शक्ति की आराधना हेतु नवरात्रि के नो दिन *दुर्गासप्तशती* के पाठ किये जाएगे व दसवें दिन ( मुहूर्त अनुसार ) हवन व पूर्णाहुति होगी।
जिसको यजमान अपने जीवन के भिन्न भिन्न प्रयोजनों की पूर्ति हेतु करवाते है जैसे :- परिवार में सुख शांति, उत्तम स्वास्थ्य की कामना, धन लाभ, मान सम्मान में वृद्धि, शत्रु नाश, मनोकामना की पूर्ति व अन्य भी कई प्रयोजन होते है।
यदि आप मे से भी कोई श्रद्धालु यदि दुर्गासप्तशती के नो दिन पाठ व दसवे दिन हवन करवाना चाहता है । तो आप हमसे संपर्क करके बता सकते है।
व साथ ही साथ नवरात्रि में शुभ मुहूर्त में श्री यंत्र भी सिद्ध किये जायेंगे।
सिद्ध श्री यंत्र की स्थापना मुख्यतः आमदनी बढ़ाने, धन लाभ, सौभाग्य की प्राप्ति, माँ महालक्ष्मी की कृपा, सुख समृद्धि आदि पाने के लिए की जाती है।
यह भी ध्यान में रहे के श्री यंत्र की पूजा लोभ के भाव से नही सुख व शांति के भाव से की जाती है।
*यदि आप मे से भी कोई माँ भगवती के दुर्गासप्तशती के पाठ व हवन तथा सिद्ध श्री यंत्र अपने किसी प्रयोजन हेतु सिद्ध करवाना चाहता है तो हमसे शीघ्रातिशीघ्र संपर्क करें।*
जय श्री महाकाल।
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शुभम भवतु !
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