श्रावण (#सावन) के पवित्र मास में पार्थिव शिवलिंग निर्माण व रुद्राभिषेक का पूजन अक्षय अनंत पुण्य फल दाई होता है।
*पूजन क्रम:-*
#ब्राह्मणो की संख्या :- 3- 4 ब्राह्मण।
#पूजन का समय :- 5 - 6 घंटे।
*#सर्वप्रथम:-* पार्थिव शिवलिंग निर्माण ( विशेष मिट्टी से जो मोक्षदायनी माँ क्षिप्रा के तट से लाई जाती है ।)
पार्थिव शिवलिंग की संख्या संकल्पित है वह ११०० शिवलिंग निर्माण की होती है। प्रारम्भ में धरती माता से प्रार्थना की जाती है मिट्टी का पूजन किया जाता है व उसमे पंचदेव का आवाहन किया जाता है व उनसे पार्थिव शिवलिंग निर्माण में सहयोग मांगा जाता है व भगवान पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाता है। उसके पश्चात प्रत्येक शिवलिंग का अक्षत से श्रृंगार किया जाता है व उन्हें एक बड़े पात्र में स्थापित किया जाता है।
*मंडल निर्माण:-*
#उसके पश्चात नवग्रह मंडल, षोडश मातृका व सर्वतो भद्र मंडल का निर्माण किया जाता है।
*#पूजन विधि:-*
सर्वप्रथम ( यजमान यदि स्वयं पूजा करते है या संकल्प लेकर पूजन करवाते है )
-पवित्रीकरण किया जाता है तत्पश्चात आचमन व भूमिपूजन (आसान शुद्धि ) की जाती है।
इसके पश्चात शिखा बन्धनं।
*#देवता नमस्कार:-*
विघ्ननाशक गणपति भगवान का स्त्रोत्रं करके पूजन के लिए आज्ञा लेते है।
*#संकल्प:-*
यजमान अपने जिस भी मनोरथ के लिए पूजन करवा रहा होता है उस अनुसार संकल्प किया जाता है ( यदि यजमान उपस्थित नही होते है तो फोन पर ब्राह्मणो द्वारा संकल्प लिया जाता है। )
*#तत्पश्चात:-*
कुलभैरव कुल देवी स्मरण पूजन, शंख पूजन ,गरुड़ स्मरण किया जाता है।
*#तत्पश्चात:-*
भगवान गणेश जी व माँ लक्ष्मी जी का आवाहन व उसके पश्चात उनका पंचामृत से अभिषेक व उसके पश्चात भगवान गणेश जी का गणपति अथर्वशीर्ष द्वारा पाठ व माँ लक्ष्मी का श्री सूक्त द्वारा पूजन । इसके बाद भगवान का सम्पूर्ण विधि विधान से पूजन किया जाता है तत्पश्चात भगवान को भोग अर्पण व आरती पूजन किया जाता है ।
*#उसके पश्चात नवग्रह पूजन व समस्त मंडल का पूजन वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाता है। पितृशान्ति व स्मरण, आयुष मंत्र पूजन, कलश पूजन, समुद्र नारायण पूजन, ब्राह्मण वरन पूजन आदि किया जाता है।*
*#रुद्राभिषेक :-*
अतः भगवान पार्थिव शिवलिंग का पंचोपचार पूजन किया जाता है बाबा महाकाल से पूजन की आज्ञा ली जाती है । शिवलिंग का पंचामृत अभिषेक पूजन किया जाता है। उसके पश्चात भगवान पार्थिव शिवलिंग में प्रभु का आवाहन किया जाता है व उनमें प्राणों की प्रतिष्ठा की जाती है।
तत्पश्चात भगवान महाकाल के अष्टाध्यायी रुद्र पाठ द्वारा सम्पूर्ण विधि विधान से भगवान पार्थिव शिवलिंग का सर्वशक्तिमान रुद्र पाठ द्वारा रुद्राभिषेक किया जाता है।
#रुद्राभिषेक के पश्चात भगवान का श्रंगार पूजन किया जाता है ।
उसके पश्चात भगवान शिव के प्रिय महिम्न स्तोत्र का लयबद्ध पाठ किया जाता है व भगवान महाकाल के पंचाक्षरी मंत्र ""ॐ नमः शिवाय"" का पाठ किया जाता है व आरती की जाती है तथा भगवान को भोग अर्पण किया जाता है भगवन की आरती, पुष्पांजलि, प्रदक्षिणा , क्षमा प्रार्थना के पश्चात यजमान की मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु प्रार्थना की जाती है व ब्राह्मणो द्वारा यजमान को सर्वकामना पूर्ति हेतु आशीर्वाद दिया जाता है।
*#विसर्जन पूजन:-*
भगवान पार्थिव शिवलिंग का मोक्षदायनी माँ क्षिप्रा में विधिविधान से विसर्जन किया जाता है।
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ICICI BANK LTD.
NAME - DEEPAK SHARMA
A/C NUMBER - 629-801-522709
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जय श्री महाकाल।
भाग्यचक्र उज्जैन
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