Sunday, July 19, 2020

श्रावण मास में पार्थिव शिवलिंग पूजन अनन्त फलदायी व सभी कष्टों का नाश करने वाला व सर्वमनोकामनाओ को पूर्ण करने वाला है। :-

श्रावण (#सावन) के पवित्र मास में पार्थिव शिवलिंग निर्माण व रुद्राभिषेक का पूजन अक्षय अनंत पुण्य फल दाई होता है।

*पूजन क्रम:-*

#ब्राह्मणो की संख्या :- 3- 4 ब्राह्मण।
#पूजन का समय :- 5 - 6 घंटे।

*#सर्वप्रथम:-* पार्थिव शिवलिंग निर्माण ( विशेष मिट्टी से जो मोक्षदायनी माँ क्षिप्रा के तट से लाई जाती है ।)
पार्थिव शिवलिंग की संख्या संकल्पित है वह ११०० शिवलिंग निर्माण की होती है। प्रारम्भ में धरती माता से प्रार्थना की जाती है मिट्टी का पूजन किया जाता है व उसमे पंचदेव का आवाहन किया जाता है व उनसे पार्थिव शिवलिंग निर्माण में सहयोग मांगा जाता है व भगवान पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाता है। उसके पश्चात प्रत्येक शिवलिंग का अक्षत से श्रृंगार किया जाता है व उन्हें एक बड़े पात्र में स्थापित किया जाता है।
*मंडल निर्माण:-*
#उसके पश्चात नवग्रह मंडल, षोडश मातृका व सर्वतो भद्र मंडल का निर्माण किया जाता है।

*#पूजन विधि:-*
सर्वप्रथम ( यजमान यदि स्वयं पूजा करते है या संकल्प लेकर पूजन करवाते है )
-पवित्रीकरण किया जाता है तत्पश्चात आचमन व भूमिपूजन (आसान शुद्धि ) की जाती है।
इसके पश्चात शिखा बन्धनं।
*#देवता नमस्कार:-*
विघ्ननाशक गणपति भगवान का स्त्रोत्रं करके पूजन के लिए आज्ञा लेते है।
*#संकल्प:-*
यजमान अपने जिस भी मनोरथ के लिए पूजन करवा रहा होता है उस अनुसार संकल्प किया जाता है ( यदि यजमान उपस्थित नही होते है तो फोन पर ब्राह्मणो द्वारा संकल्प लिया जाता है। )
*#तत्पश्चात:-*
कुलभैरव कुल देवी स्मरण  पूजन, शंख पूजन ,गरुड़ स्मरण किया जाता है।
*#तत्पश्चात:-*
भगवान गणेश जी व माँ लक्ष्मी जी का आवाहन व उसके पश्चात उनका पंचामृत से अभिषेक व उसके पश्चात भगवान गणेश जी का गणपति अथर्वशीर्ष द्वारा पाठ व माँ लक्ष्मी का श्री सूक्त द्वारा पूजन । इसके बाद भगवान का सम्पूर्ण विधि विधान से पूजन किया जाता है तत्पश्चात भगवान को भोग अर्पण व आरती पूजन किया जाता है ।
*#उसके पश्चात नवग्रह पूजन व समस्त मंडल का पूजन वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाता है। पितृशान्ति व स्मरण, आयुष मंत्र पूजन, कलश पूजन, समुद्र नारायण पूजन, ब्राह्मण वरन पूजन आदि किया जाता है।*
*#रुद्राभिषेक :-*
अतः भगवान पार्थिव शिवलिंग का पंचोपचार पूजन किया जाता है बाबा महाकाल से पूजन की आज्ञा ली जाती है । शिवलिंग का पंचामृत अभिषेक पूजन किया जाता है। उसके पश्चात भगवान पार्थिव शिवलिंग में प्रभु का आवाहन किया जाता है व उनमें प्राणों की प्रतिष्ठा की जाती है। 
तत्पश्चात भगवान महाकाल के अष्टाध्यायी रुद्र पाठ द्वारा सम्पूर्ण विधि विधान से भगवान पार्थिव शिवलिंग का सर्वशक्तिमान रुद्र पाठ द्वारा रुद्राभिषेक किया जाता है। 
#रुद्राभिषेक के पश्चात भगवान का श्रंगार पूजन किया जाता है ।
उसके पश्चात भगवान शिव के प्रिय महिम्न स्तोत्र का लयबद्ध पाठ किया जाता है व भगवान महाकाल के पंचाक्षरी मंत्र ""ॐ नमः शिवाय"" का पाठ किया जाता है व आरती की जाती है तथा भगवान को भोग अर्पण किया जाता है भगवन की आरती, पुष्पांजलि, प्रदक्षिणा , क्षमा प्रार्थना के पश्चात यजमान की मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु प्रार्थना की जाती है व ब्राह्मणो द्वारा यजमान को सर्वकामना पूर्ति हेतु आशीर्वाद दिया जाता है।
*#विसर्जन पूजन:-*
भगवान पार्थिव शिवलिंग का मोक्षदायनी माँ क्षिप्रा में विधिविधान से विसर्जन किया जाता है।
पूजन का वीडियो का लाभ आप निम्नलिखित लिंक पर जा कर ले सकते है  :- 

https://www.instagram.com/tv/CCVT-s7Jeo4/?igshid=1to7ooqccjrth


*यदि आपमे से भी कोई इस पवित्र श्रावण मास में अक्षय पुण्यदायी पार्थिव शिवलिंग का रुद्राभिषेक पूजन का लाभ लेना चाहता है तो हमसे 9522222969 पर कॉल करके या व्हाट्सएप्प के माध्यम से सम्पर्क कर सकते है।*
उपरोक्त पूजन की दक्षिणा लगभग दस से ग्यारह हजार होती है परंतु हमारे गुरुदेव के आशीर्वाद से 
*पूजन की दक्षिणा जो कि नाम मात्र है (3500/- भारतीय यजमान द्वारा व $55 विदेशी यजमान के लिए) है।* आप हमें निम्नलिखित एकाउंट में भेज कर पूजन सुनिश्चित कर सकते है।

नारायण नारायण।

आप हमारी दक्षिणा हमे Paytm के माध्यम से 9522222969 पर भेज सकते है।
या 
Bank Details For Dakshina-
ICICI BANK LTD.
NAME - DEEPAK SHARMA
A/C NUMBER - 629-801-522709
IFS CODE - ICIC0006585
ICICI Bank Teliwada Chauraha, Ujjain - Branch

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Sunday, July 5, 2020

श्रावण ( सावन ) मास प्रारम्भ :- जय श्री महाकाल




।। नमो नमः ।।
।।भाग्यचक्र ।।

 *आज का पंचांग :-

तिथि :- प्रतिपदा ( श्रावण मास प्रारम्भ )
वार   :- सोमवार
दिनांक :- 6 जुलाई 2020
अयन:- उत्तरायण
पक्ष   :- कृष्ण
नक्षत्र :- उत्तराषाढ़ा
ऋतू  :- ग्रीष्म
लाभ :- 15:55 - 17:36
शुभ :- 09:09 - 10:51
राहु काल :- 07:28 - 09:09
                                 
जय श्री महाकाल - 
6।7।2020 :-

जीवन मैं आनंद की प्राप्ति हेतु आज का भाग्य चक्र -     
आज का मंत्र ।
श्रावण सोमवार :-
आज 06 जुलाई 2020 सोमवार से भगवान शिव का पवित्र श्रावण (सावन) मास प्रारम्भ हो रहा है, जो 03 अगस्त सोमवार तक रहेगा (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अषाढ़ मास चल रहा है वहां 21 जुलाई मंगलवार से श्रावण (सावन) मास आरंभ होगा)।

★श्रावण मास में नित्य प्रातः स्नान करके शिव मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक करें ।( मंदिर नही जा सकते तो घर पर भी कर सकते है।)
★प्रभु को बिल्वपत्र चढ़ावे, पुष्प अक्षत, नैवेध चढ़ावे 
★तत्पश्चात कुशा के आसन पर बैठकर निम्नलिखित में से किसी एक मंत्र का जप करे।
"" ॐ नमः शिवाय""
 या 
""ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥""
मंत्र का जप करें।
★पूरे श्रावण माह में एक बार शिवलिंग का रुद्राष्टाध्यायी से ब्राह्मणो द्वारा रुद्राभिषेक अवश्य करवाए।
इस प्रकार सावन माह में नित्य प्रभु का पूजन करने से मनुष्य के सभी कष्टों का नाश होता है समस्त दोषों का निवारण होता है व समस्त मनोकामनाओ की पूर्ति होती है।
                 
जय श्री महाकाल।
माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे।                               
                                                                        
🙏🌹जय श्री महाकाल🌹🙏
श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का
आज का भस्माआरती श्रृंँगार दर्शन।
6 जुलाई 2020( सोमवार )

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Thursday, July 2, 2020

श्रावण मास में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण रुद्राभिषेक व विसर्जन का महत्व


।।श्री गणेशाय नमः।।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

श्रावण मास - 
सोमवार 6।7।2020 से प्रारम्भ व  सोमवार 3।8।2020 को पूर्ण।

श्रावण के पवित्र मास में नित्य पार्थिव शिवलिंग निर्माण ( संख्या ११००) पूजन व रुद्राभिषेक व विसर्जन ब्राह्मणो द्वारा किया जाएगा।

यदि कोई भी अपने परिवार की सुख शांति व दोषों के निवारण या अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु श्रावण के पवित्र मास में उपरोक्त पार्थिव शिवलिंग निर्माण तथा रुद्राभिषेक करवाना चाहता हो तो अपने नाम व गोत्र के साथ संकल्प कर सकते है।

पार्थिव शिवलिंग निर्माण पूजन व रुद्राभिषेक दक्षिणा :-
( इसमें पार्थिव शिवलिंग निर्माण सामग्री,पूजन सामग्री ब्राह्मण दक्षिणा सम्मिलित है।)
एक दिवसीय भेंट राशि ३१००/-
पंचदिवसीय भेंट राशि १२,५००/-

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें।
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